आम के बीज में मैलिक अम्ल अधिक होता है और यह खूनी बवासीर और प्रदर में उपयोगी है।
2.
सक्रिय मैलिक अम्ल (HOOC.CH2CHOH.COOH) के दोनों रूपों के अवकृत करने पर निष्क्रिय सक्सिनिक अम्ल, HOOC.CH2.CH2.COOH, प्राप्त होता है।
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आम के बीज में मैलिक अम्ल अधिक होता है और यह खूनी बवासीर और प्रदर में उपयोगी है।
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आम के बीज में मैलिक अम्ल अधिक होता है और यह खूनी बवासीर और प्रदर में उपयोगी है।
5.
मेलोलैक्टिक किण्वन तब होता है जब लैक्टिक अम्ल के जीवाणु मैलिक अम्ल को उपापचय (मेटाबोलाइज) कर लैक्टिक अम्ल और कार्बन डाईआक्साइड बनाते हैं.
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मेलोलैक्टिक किण्वन तब होता है जब लैक्टिक अम्ल के जीवाणु मैलिक अम्ल को उपापचय (मेटाबोलाइज) कर लैक्टिक अम्ल और कार्बन डाईआक्साइड बनाते हैं.
7.
सक्रिय मैलिक अम्ल (HOOC. CH 2 CHOH. COOH) के दोनों रूपों के अवकृत करने पर निष्क्रिय सक्सिनिक अम्ल, HOOC.
8.
इसका एक सरल उदाहरण क्लोरोसक्सिनिक अम्ल में क्लोरीन का प्रतिस्थापन हाइड्रॉक्सिल समूह से होने पर, मैलिक अम्ल प्राप्त होता है तथा पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के प्रयोग से दक्षिणवर्ती अम्ल प्राप्त होता है
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इसका एक सरल उदाहरण क्लोरोसक्सिनिक अम्ल में क्लोरीन का प्रतिस्थापन हाइड्रॉक्सिल समूह से होने पर, मैलिक अम्ल प्राप्त होता है तथा पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के प्रयोग से दक्षिणवर्ती अम्ल प्राप्त होता है
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इसका एक सरल उदाहरण क्लोरोसक्सिनिक अम्ल में क्लोरीन का प्रतिस्थापन हाइड्रॉक्सिल समूह से होने पर, मैलिक अम्ल प्राप्त होता है तथा पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के प्रयोग से दक्षिणवर्ती अम्ल प्राप्त होता है